Intermittent Fasting करने से बढ़ सकता है हृदय रोग का खतरा, अध्ययन में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य!

Disadvantages of Intermittent Fasting

बहुत से लोग जो वजन कम करना चाहते हैं, वे इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर देते हैं। किसी तरह यह वजन घटाने का एक मशहूर तरीका है जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है। हालाँकि, हाल के शोध से पता चलता है कि इस प्रकार का उपवास स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो सकता है।

दरअसल अध्ययन के चौंकाने वाले नतीजे शिकागो मेडिकल कॉन्फ्रेंस में जारी किए गए है। एक अध्ययन के अनुसार, हर दिन आठ घंटे के अंतराल पर भोजन करने से हृदय रोग से मृत्यु का खतरा 91% तक बढ़ सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में एक्सपर्ट्स की राय

2024 में, तेजी से वजन कम करने में आपकी मदद के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। हालाँकि, ये तरीके हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। कुछ डॉक्टरों ने अध्ययन के परिणामों पर संदेह व्यक्त किया। उनकी राय में, शोध में भाग लेने वाले जिन प्रतिभागियों ने उपवास किया, उनकी हृदय संबंधी स्थितियां अन्य समूहों से भिन्न हो सकती हैं।

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की वैज्ञानिक बैठकों में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जो लोग दिन में 12 से 15 घंटे तक बिना कुछ खाए रहते हैं, उनमें गंभीर, जानलेवा हृदय रोग का खतरा 91 प्रतिशत अधिक हो सकता है।

कितने लोगों पर कि गई है ये रिसर्च?

अध्ययन में प्रश्नावली के उत्तर शामिल हैं। इसमें 2003 से 2019 तक मौतों की अनुमानित संख्या का डेटा भी शामिल है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अध्ययन आंशिक रूप से एक ऐसे फॉर्म पर आधारित था जिसमें मरीजों को यह याद रखने की आवश्यकता थी कि उन्होंने दो दिनों की अवधि में क्या खाया था। इस दौरान अधिकतर रोगियों की औसत आयु 48 वर्ष थी। वही उनमें से लगभग आधे पुरुष थे।

इसके अतिरिक्त, ऐसा माना जाता है कि उच्च बीएमआई और खाद्य असुरक्षा वाले युवा लोग उपवास करने की अधिक संभावना रखते हैं। झोंग ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि मरीजों ने कितने समय तक आंतरायिक उपवास का पालन किया। हालाँकि, उन्हें मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने की संभावना कम है।

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