जब उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी का जिक्र होता है तो अक्सर यह मान लिया जाता है कि यह वृद्ध लोगों की बीमारी है। हालाँकि, हाल के वर्षों में युवाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने का चिंताजनक तथ्य सामने आया है।
कई स्वास्थ्य रिपोर्टों के अनुसार, भारत में अनहेल्थी जीवनशैली, खराब खान-पान की आदतें, व्यायाम की कमी और खराब आहार के कारण युवाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा है। कोलेस्ट्रॉल के चल्न्ते मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग की संभावना भी बनी रहती है।
युवाओं में उच्च कोलेस्ट्रॉल के मुख्य कारण
युवाओं में उच्च कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मुख्य कारण बच्चों की जीवनशैली और खान-पान से लेकर उनकी चिप्स तक की आदतें है। पिछले कुछ दशकों में संतृप्त (saturated) और ट्रांस (trans) फैट से भरपूर रेडीमेड खाद्य पदार्थों और फास्ट फूड की ओर रुझान तेजी से बढ़ा है।
अनहेल्दी फूड , खराब जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि की कमी से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। पारिवारिक इतिहास और मधुमेह भी एक कारण हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल स्तर को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टर और वरिष्ठ सलाहकार ने कहा, “हमारे पास 20 साल की उम्र के ऐसे कई मरीज़ है, जो तब तक विश्वास नहीं करते कि उन्हें उच्च कोलेस्ट्रॉल है, जब तक वे किसी डॉक्टर से सलाह न लें।”
कोलेस्ट्रॉल रोग को लंबे समय से बुजुर्गों की बीमारी माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में युवा आबादी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने की चिंताजनक प्रवृत्ति देखी गई है। चिंताजनक बात यह है कि इस स्वास्थ्य समस्या को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते जब तक कि बहुत देर नहीं हो जाती है।
गौरतलब है कि कोलेस्ट्रॉल संबंधी बीमारियां बहुत कम उम्र में विकसित हो सकती हैं, लेकिन यंग जनरेशन में भी मरीजों में 20 साल की उम्र तक समस्याएं सामने नहीं आती है। इस कारण से, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर के कारण कई युवाओं को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ जाता है। हाल के वर्षों में 50 साल से कम उम्र के भारतीय युवाओं में इस बीमारी के अधिक मामले सामने आए हैं।