जो भी व्यक्ति रोजाना काढ़ा पीता है वह सावधान हो जाए।

रोजाना काढ़ा पीने से बचें

काढ़ा सर्दी से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। हालांकि, ज्यादा काढ़ा पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में पित्त बढ़ना

काढ़े में काली मिर्च, गिलोय, अश्वगंधा, इलायची, सोंठ और दालचीनी जैसी मसालेदार सामग्री का उपयोग किया जाता है। जो पित्त से पीड़ित लोगों के लिए परेशानी बन सकता है।

डाइजेशन में दिक्कत

जो लोग नियमित रूप से यह काढ़ा पीते हैं उन्हें एसिडिटी, कब्ज, पेट में जलन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

किडनी पर बुरा असर

रोजाना काढ़े का सेवन करने से सीरम क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है और अंततः किडनी खराब हो सकती है।

लिवर के लिए नुकसानदायक

इससे लीवर पर अधिक दबाव पड़ता है और उसकी कार्यप्रणाली कमजोर होने लगती है। बहुत अधिक काढ़ा लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है।

यूरिन में जलन

काढ़ा गर्म होता है इसलिए इसे ज्यादा पीने से पाइल्स हो सकती है। इसके अलावा, स्टूल में जलन या खुजली की समस्या भी हो सकती है।

काढ़ा कितनी मात्रा में पीएं

काढ़े का दैनिक उपयोग स्वास्थ्य की स्थिति, उम्र, वर्ष का समय और इसे बनाने में प्रयुक्त सामग्री पर निर्भर करता है। अपने शरीर के अनुसार काढ़े की सामग्री और समय चुनें।